ओडिशा प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों सहित अपने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर ओडिशा बिजली पैदा करेगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देगा। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने गुरुवार को भुवनेश्वर में नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय "चिंतन शिविर-2024" में भाग लेने के दौरान यह बयान दिया।
मंत्री ने कहा कि 2032 तक भारत की बिजली की मांग दोगुनी हो जाएगी। बिजली की बाधाओं को दूर करने के लिए, हमें नवीकरणीय ऊर्जा, गैर-जीवाश्म ईंधन और सौर ऊर्जा का उपयोग कर अधिक बिजली का उत्पादन करना चाहिए। आज तक, भारत पहले ही 212 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा का लक्ष्य हासिल कर चुका है। इसे बढ़ाने के लिए केंद्र ने 22 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। जोशी के साथ ही नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक, उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव, केंद्रीय ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल और ऊर्जा प्रमुख सचिव विशाल देव भी शिविर में मौजूद थे। मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने बताया कि 500 मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया उत्पादन का लक्ष्य है और कचरे से ऊर्जा उत्पादन को भी समान महत्व दिया जा रहा है। पूरे देश को टिकाऊ बिजली का बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय ग्रिड की स्थापना की जा रही है।