पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने कहा कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में शांति बहाल करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्थानीय लोग राज्य सरकार से नाराज़ हैं और उसकी कार्यशैली से संतुष्ट नहीं हैं। राज्यपाल ने ये बातें मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज इलाके में मारे गए हरगोबिंद दास और उनके पुत्र चंदन दास के परिजनों से मुलाकात के बाद कही। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत की है और उन्हें अपनी शिकायतें सीधे राजभवन तक पहुंचाने के लिए एक संपर्क नंबर भी उपलब्ध कराया है। राज्यपाल ने कहा कि मेरी प्राथमिकता केवल इलाके में शांति बहाल करना है। मैं राज्य सरकार से भी इस दिशा में उचित कदम उठाने का आग्रह करूंगा। राज्यपाल बोस ने मृतक परिवारों को आश्वस्त किया कि पिता-पुत्र की हत्या में शामिल किसी भी आरोपित को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में अब तक तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, और राज्यपाल के अनुसार यदि अन्य लोग भी इसमें शामिल पाए जाते हैं तो उन्हें भी सज़ा मिलेगी।
स्थानीय लोगों ने राज्यपाल से बातचीत के दौरान इलाके में स्थायी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) शिविर की स्थापना की मांग की। एक महिला ने कहा कि हमने सब कुछ खो दिया है। डर के मारे रात को भी नींद नहीं आती। अगर स्थायी सीएपीएफ कैंप नहीं हुआ, तो फिर कभी भी हमारी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। हालांकि राज्यपाल ने सीएपीएफ कैंप की स्थापना को लेकर कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया, लेकिन उन्होंने कोलकाता स्थित राजभवन में ‘शांति कक्ष’ का नंबर साझा करते हुए लोगों से कहा कि सुरक्षा से संबंधित किसी भी समस्या की स्थिति में वे सीधे वहां संपर्क कर सकते हैं।
उधर, शनिवार को राष्ट्रीय महिला आयोग का एक प्रतिनिधिमंडल भी शमशेरगंज पहुंचा, जहां स्थानीय महिलाओं ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इलाके में स्थायी केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग उठाई। प्रतिनिधिमंडल ने महिलाओं को आश्वस्त किया कि वह यह मामला केंद्र सरकार के समक्ष रखेगा।