बूढ़ापहाड़ से माओवादियों को जड़ से उखाड़ने और 21 अप्रैल को बोकारो में लुगु पहाड़ की तलहटी में 8 टॉप माओवादियों को मुठभेड़ में मार गिराने के बाद सुरक्षा बलों ने सारंडा के घने जंगलों में डेरा जमाए माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशन को और तेज कर दिया है। घना जंगल होने के बावजूद चप्पे-चप्पे को खंगाला जा रहा है। ऑपरेशन में कोबरा, जगुआर और सीआरपीएफ की आठ बटालियन लगी हुई है। संख्या की बात करें तो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 12 हजार से ज्यादा जवान जुटे हुए हैं।दरअसल, सारंडा के घने जंगलों में मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, असीम मंडल, अजय महतो, अश्विन, सागेन अंगरिया, चंदन लोहरा, पिंटू लोहरा, अमित हांसदा, जयकांत, रापा मुंडा जैसे कुख्यात और इनामी माओवादी अपने दस्तों के साथ सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की फिराक में हैं। इनको दबोचने के लिए सुरक्षाबल व्यपाक स्तर पर ऑपरेशन चला रहे हैं।
झारखंड पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इस ऑपरेशन में कोबरा के 203 और 209 बटालियन के अलावा झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ के 26, 60, 134, 174, 193 और 197 बटालियन के जवान जुटे हुए हैं। एक बटालियन में 1200 जवान होते हैं। इस लिहाज से कुल आठ बटालियन में 9,600 जवान मौजूद हैं। इसके अलावा झारखंड पुलिस, जैप और आईआरबी के जवान भी शामिल हैं। लिहाजा, तकरीब 12 हजार से ज्यादा जवान माओवादियों को पकड़ने की कोशिश में जुटे हैं। लेकिन ऑपरेशन के दौरान जंगलों में लगाए गये आईईडी की वजह से सुरक्षा बलों को समय समय पर नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।