मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को एक अणे मार्ग से साक्ष्य संग्रहण एवं अपराध के अनुसंधान में सहायता हेतु 34 चलंत फॉरेंसिक वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने फॉरेंसिक वाहनों को रवाना करने के पूर्व वाहनों का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं तथा उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 के बाद से ही विधि व्यवस्था के संधारण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कानून का राज स्थापित किया गया। इसके लिए कई काम किये गये। अपराध और भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी गयी। उन्होंने बताया कि आपराधिक मामलों की जांच में तेजी लाने के लिए 34 नये मोबाइल फॉरेंसिक वाहनों का लोकार्पण किया गया है। ये सभी वाहन आधुनिक जांच उपकरणों से युक्त हैं। इन वाहनों की मदद से अपराध के घटना स्थल पर पहुंचकर तत्काल जांच शुरू की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि इसके पहले कोई अपराध होने पर घटना स्थल से साक्ष्य एकत्र कर जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजना पड़ता था। इसमें काफी समय लगता था और विलम्ब होने के कारण पीड़ित परिवारों में असंतोष रहता था। अब मोबाइल टीम घटना स्थल पर ही जांच शुरू कर देगी जिससे काफी सुविधा होगी।