सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायकों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से विधायकों, मंत्रियों, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और अन्य संवैधानिक पदाधिकारियों के वेतन व भत्तों में की गई बढ़ोतरी के राज्य सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
यह अपील पार्टी के राज्य कार्यालय में बीजेपी विधायकों और मंत्रियों की बंद कमरे में हुई बैठक के बाद की गई। ओडिशा के संसदीय कार्य मंत्री मुकेश महालिग ने बताया कि पार्टी विधायकों ने पिछली विधानसभा सत्र में पारित उस कानून पर पुनर्विचार की मांग की है, जिसके तहत वर्तमान और पूर्व विधायकों के वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी की गई थी। बैठक में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल भी मौजूद थे।
मीडिया को संबोधित करते हुए महालिग ने कहा कि यह विधेयक पिछले विधानसभा सत्र के दौरान सदन में पारित किया गया था। यह कानून विधायकों और पूर्व विधायकों के वेतन व पेंशन में वृद्धि से संबंधित है।
उन्होंने कहा कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए बीजेपी विधायकों ने मुख्यमंत्री को हस्ताक्षरयुक्त आवेदन सौंपकर विधेयक की दोबारा समीक्षा और पुनर्विचार का अनुरोध किया है।
महालिंग ने कहा कि हमारी सरकार जनता की सरकार है। हम ओडिशा की जनता के जनादेश और भावनाओं का सम्मान करते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए सभी बीजेपी विधायकों ने हस्ताक्षरयुक्त आवेदन के माध्यम से मुख्यमंत्री से परामर्श और सहमति के जरिए इस कानून पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
संसदीय कार्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह अनुरोध औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री के समक्ष विचारार्थ रखा गया है, जो सार्वजनिक हित और पारदर्शिता के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
गौरतलब है कि ओडिशा विधानसभा ने हाल ही में बिना किसी विरोध के चार विधेयक पारित किए थे, जिनके जरिए विधायकों के साथ-साथ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्रियों, विपक्ष के नेता और मुख्यमंत्री के वेतन व भत्तों में उल्लेखनीय वृद्धि की गई।
वेतन और पेंशन में संशोधन के बाद ओडिशा के विधायक देश के सबसे अधिक वेतन पाने वाले विधायकों की श्रेणी में शामिल हो गए, जिससे राज्य में व्यापक बहस छिड़ गई। इसी के चलते सत्तारूढ़ बीजेपी ने इस फैसले पर पुनर्विचार का कदम उठाया है।
उल्लेखनीय है कि ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजू जनता दल (बीजेडी) के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने पहले ही घोषणा की थी कि वह विपक्ष के नेता पद से जुड़े हाल ही में बढ़ाए गए वेतन और भत्तों को नहीं लेंगे और इस राशि को गरीबों के कल्याण में उपयोग करने की मांग की थी।