‘हरिश्चंद्र’ योजना फेल, पति के अंतिम संस्कार के लिए पत्नी ने मांगी भीख

  • Nov 14, 2018
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भुवनेश्वर, 14 नवम्बरः

गरीब और जरूरतमंद लोगों को दाह-संस्कार के लिए वित्तीय सहायता देने के लिए ओडिशा सरकार ने हरिश्चंद्र सहायता योजना शुरू की है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 2,000 और शहरी क्षेत्रों में 3,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है। इसके अलावा राज्य सरकार ने परिवार के सदस्यों के मृत शरीर को मृत्यु के स्थान से श्मशान / दफन स्थल तक ले जाने के तनाव से लोगों को मुक्त करने के लिए महाप्रयान पहल भी शुरू की है। लेकिन इन सभी योजनाओं से आज भी कई सारे गरीब और लाचार लोग वंचित हैं। जिसका एक जीता-जागता उदाहरण राज्य के केन्द्रापड़ा जिले के पट्टामुंडेई से मिली है। यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जंघराइ मुंडा (54) नाम के एक दैनिक मजदूर की मौत हो गई। पति के शव को घर ले जाने के लिए पत्नी के पास पैसे नहीं थे। उसे हरिश्चंद्र और महाप्रयान योजना से मदद भी नहीं मिला। जिससे तंग आकर उसने अस्पताल में ही एक तौलिया को नीचे रखकर लोगों से आर्थिक मदद की गुहार लगाने लगी। पैसे नहीं होने के कारण अस्पताल में शव करीब 24 घंटे से पड़ा रहा।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक केन्दुझर जिले के सारपड़ा थाना अंतर्गत दुदुनाली गांव के जंघराइ मुंडा और उसकी पत्नी मिनती पट्टामुंडाई थाना अंतर्गत चापड़ा गांव में रहकर दैनिक मजदूर कर रहे थे। कुछ दिनों से जंघराइ की तबियत खराब थी। सोमवार रात को उसकी तबियत अचानक ज्यादा खराब होने लगी। जिसके बाद उसकी पत्नी ने 108 एंबुलेंस के जरिए उसे सामुदायिक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया। रात करीब 11 बजे उसकी मौत हो गई। शव को घर लेकर जाने के लिए उसकी पत्नी के पास पैसे नहीं थे। पति के शव के पास तौलिया डालकर उसने लोगों से आर्थिक सहायता करने की गुहार करने लगी। इसे देखते ही कुछ दरिया दिल लोग पहुंच कर उसकी मदद करने लगे। इसकी जानकारी मिलते ही डीजे समिति के अध्यक्ष तथा अंतर्राष्ट्रीय मानवधिकार काउंसिल के जिला प्रमुख प्रताप पाढ़ी मौके पर पहुंच कर महाप्रयान गाड़ी के लिए 300 रूपये का रसीद काटे। साथ ही उन्होंने उक्त महिला को एक हजार रूपये की आर्थिक सहायता भी की।

आखिरकार मानवधिकार काउंसिलर के जिला प्रमुख पाढ़ी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी अधिकारी, नगर पालिका कार्यकारी अधिकारी और पुलिस से संपर्क करते हुए शव के अंतिम संस्कार के लिए कदम उठाया। इसमें कुछ सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए। मंगलवार शाम करीब 7 बजे जंघराइ मुंडा का अंतिम संस्कार किया गया।     

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