29 घंटे तक जिंदगी और मौत से लड़ने वाली सना को अब पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) की ब्रांड अंबेसडर बनाया जाएगा। अस्पताल प्रशासन स्वास्थ्य विभाग को इस संबंध में एक पत्र लिखेगा।
इसकी घोषणा पीएमसीएच प्रशासन ने शुक्रवार को की। बोरवेल में गिरने के बाद 29 घंटे तक मौत से संघर्ष के बाद निकाली गई तीन वर्षीय बच्ची को मुंगेर से लाकर तीन अगस्त को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। ठीक होने के बाद शुक्रवार को उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
जिस समय सना को अस्पताल में भर्ती किया गया था, उस समय उसकी स्थिति काफी नाजुक थी। चेहरे पर काफी सूजन थी। रक्त में भी संक्रमण था। अस्पताल प्रशासन द्वारा उसके लिए विशेष व्यवस्था की गई। पूरी तरह से मुफ्त में इलाज किया गया। जांच से लेकर दवाओं तक की व्यवस्था अस्पताल की ओर से की गई।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि सना की तबीयत काफी खराब थी। लेकिन, अस्पताल के चिकित्सकों ने कठिन मेहनत कर उसे नया जीवन दिया है। वह सामान्य मरीज से काफी अलग थी। छोटी-सी बच्ची का 29 घंटे तक बोरवेल में रहना काफी मुश्किल है। लेकिन अब वह पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जा रही है। अस्पताल प्रशासन की ओर से टेडी बियर एवं मिठाई देकर विदा किया गया।