आवारा मवेशियों की समस्या से निपटने सरकार ने तैयार किया एक्शन प्लान

  • Sep 18, 2025
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भुवनेश्वर,18 सितंबरः

सुरक्षित, स्मार्ट और मानवीय सड़कों के निर्माण के संकल्प को दोहराते हुए ओडिशा सरकार ने राजमार्गों और सड़कों पर आवारा मवेशियों की समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाया है। वाणिज्य एवं परिवहन विभाग की प्रमुख सचिव उषा पाढ़ी की अध्यक्षता में गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें मानव जीवन और पशु कल्याण दोनों की रक्षा के साथ-साथ राज्यभर में सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए समन्वित कार्ययोजना पर चर्चा हुई।

 आवारा मवेशियों की वजह से सड़क दुर्घटनाओं और मौतों की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। आंकड़ों के अनुसार, ओडिशा में वर्ष 2022 में 952 दुर्घटनाएं और 521 मौतें, वर्ष 2023 में 1,168 दुर्घटनाएं और 643 मौतें तथा 2024 में 903 दुर्घटनाएं और 437 मौतें पशु-वाहन टकराव के कारण दर्ज की गईं। इसके अलावा, 2022 से अगस्त 2025 तक 331 जानवरों की मौत भी वाहनों से टकराने के कारण हुई। ये आंकड़े स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हैं।

 बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के चिन्हित हिस्सों को नज़दीकी शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) से जोड़कर फेंसिंग, मवेशी नियंत्रण और गोशालाओं के माध्यम से आश्रय उपलब्ध कराने पर बल दिया गया।

 चर्चा में दुर्घटना प्रभावित क्षेत्रों की पहचान, मौजूदा गोशालाओं को सुदृढ़ करने, गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के साथ साझेदारी विकसित करने और मत्स्य एवं पशु संसाधन विकास (FARD) विभाग के सहयोग से व्यवस्था को मजबूत करने पर सहमति बनी।

 चयनित मार्गों पर फेंसिंग लगाने, नियंत्रित मवेशी क्रॉसिंग प्रणाली विकसित करने और मिशन ब्रांडिंग एवं सूचना तंत्र के माध्यम से जन-जागरूकता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का भी निर्णय लिया गया।

 इस अवसर पर उषा पाढ़ी ने कहा कि सड़कों पर आवारा मवेशी केवल नागरिक समस्या ही नहीं, बल्कि जीवन के लिए गंभीर खतरा हैं। ओडिशा सरकार एक समन्वित, मानवीय और प्रौद्योगिकी-आधारित दृष्टिकोण अपनाकर यात्रियों की सुरक्षा और पशुओं की गरिमा दोनों सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 यह पहल अपनी तरह का पहला एकीकृत मॉडल है, जिसमें इंजीनियरिंग उपाय (फेंसिंग, संकेतक, कैटल ग्रिड), प्रवर्तन (पशु पकड़ना और दंड), स्वास्थ्य सहायता (मोबाइल वेटरिनरी यूनिट) और संस्थागत तंत्र को जोड़कर राज्य की सड़कों को सुरक्षित बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।

 बैठक में परिवहन आयुक्त अमिताभ ठाकुर, एचयूडी विभाग के निदेशक नगर प्रशासन अरिंदम डाकुआ, पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवाओं के निदेशक विजय अमृता कुलांगे, एनएचएआई तथा ओडिशा पुलिस के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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