झारखंड विधानसभा की 17वीं कार्यवाही के दौरान कांग्रेस विधायक और विधायक दल नेता प्रदीप यादव ने राज्य में प्रस्तावित जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया, इस पर राज्य सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि जातीय सर्वेक्षण आगामी वित्तीय वर्ष 2026-27 में पूरा होने की संभावना है। विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि भारत सरकार ने जातीय जनगणना कराने से इनकार कर दिया है, जबकि झारखंड सरकार ने 17 फरवरी 2024 को कैबिनेट से निर्णय लिया था कि राज्य में जातीय जनगणना कराई जाएगी। प्रदीप यादव ने इसे समाज की वास्तविक स्थिति का एक्सरे करार देते हुए कहा कि यह जनगणना यह स्पष्ट करेगी कि समाज का कौन सा वर्ग किस स्थिति में है। मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि सरकार ने फरवरी 2024 में इस विषय पर निर्णय लिया था और कार्मिक विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही जातीय जनगणना की प्रक्रिया शुरू होगी क्योंकि कार्मिक विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। तो वहीं विधायक प्रदीप यादव ने पूछा, क्या सरकार इस कार्य के लिए कोई एजेंसी नियुक्त करेगी ?
मंत्री दीपक बिरुआ ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और इस पर काम जारी है। उन्होंने बताया कि कुछ एजेंसियों से बातचीत की गई है और अगले वित्तीय वर्ष में जातीय सर्वेक्षण को लेकर आगे बढ़ने की योजना है। तो वहीं विधायक राजेश कश्यप ने प्रश्न किया, अगले वित्तीय वर्ष में यह कब होगा, क्योंकि धान रोपनी और कटनी जैसे कामों के दौरान लोग बाहर जाते हैं ? मंत्री दीपक बिरुआ ने जवाब दिया कि जातीय जनगणना को सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए समय पर कराया जाएगा, ताकि यह प्रक्रिया सभी बिंदुओं को कवर कर सके।