बंगाल के बीरभूम में धरने के बाद भाजपा के कई कार्यकर्ता तृणमूल में लौटे

  • Jun 15, 2021
Khabar East:Many-BJP-workers-return-to-Trinamool-after-dharna-in-Bengals-Birbhum
कोलकता,12 जून:

बंगाल में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव के समय तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए करीब 50 कार्यकर्ता फिर से ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो गए। इन कार्यकर्ताओं ने पार्टी में वापस लिए जाने को लेकर धरना भी दिया। इस महीने की शुरुआत में भाजपा के पांच कार्यकर्ताओं के एक समूह ने धरना देते हुए घोषणा की थी कि उन्होंने पार्टी छोड़ने और तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है ताकि वे बनर्जी के नेतृत्व में मां, माटी, मानुषके लिए काम कर सकें। जिले के इलमबाजार इलाके में इस दिन भाजपा से नाराज कार्यकर्ताओं ने तृणमूल कांग्रेस कार्यालय के बाहर धरना दिया। इस दौरान उन्होंने पोस्टर बैनर भी लगा रखे थे कि चुनाव के दौरान पाला बदलने का उन्हें खेद है।

तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता ने बताया कि भाजपा से करीब 50 कार्यकर्ता पार्टी में लौट आए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के इन कार्यकर्ताओं के पास तृणमूल में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि पिछले महीने विधानसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद से ही सत्तारूढ़ दल के सदस्य लौटने के लिए उन पर दबाव बना रहे थे।

गौरतलब है कि बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) छोड़कर भाजपा में आए ज्यादातर नेता अब अपनी व पार्टी की हार के बाद घर वापसी की कोशिशों में लगातार जुटे हैं। हालांकि तृणमूल में उनकी घर वापसी आसान नहीं दिख रही। वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय के वापस तृणमूल में शामिल होने के बाद अब दूसरे नेताओं की भी घर वापसी की संभावना को देखते हुए पार्टी के भीतर विरोध तेज हो गया है।

पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी, पूर्व विधायक सब्यसाची दत्ता, प्रबीर घोषाल, सरला मुर्मू, सुनील सिंह जैसे कई नेता जो पार्टी में वापसी की जुगत में है, इनके खिलाफ तृणमूल नेता व कार्यकर्ता खुले तौर पर विरोध में उतर आए हैं। यहां तक कि इन नेताओं को गद्दार बताकर कई जगहों पर पोस्टर भी लगाए गए हैं। इससे पहले मुकुल के शुक्रवार को तृणमूल में शामिल होने के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी साफ तौर पर कह चुकीं हैं कि जिन्होंने चुनाव के समय पार्टी के साथ गद्दारी की है उन गद्दारों को वापस नहीं लिया जाएगा। इसके बाद विरोध और तेज हो गया है। जिसके कारण दलबदलुओं की वापसी इतनी आसान नहीं है।

Author Image

Khabar East

  • Tags: