इस साल श्रद्धालु पुरी में पवित्र त्रिदेवों के नवयौवन दर्शन नहीं कर पाएंगे। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) की तरफ से यह निर्णय लिया है। इस साल रथ यात्रा 7 जुलाई को है। भगवान के 'नवयौवन दर्शन' और 'नेत्र उत्सव' भी एक ही दिन पड़ रहे हैं। ऐसा दुर्लभ संगम पिछली बार 1971 और 1909 में देखने को मिला था।
चूंकि रथ यात्रा, 'नवयौवन दर्शन' और 'नेत्र उत्सव' एक ही दिन पड़ रहे हैं, इसलिए श्रीमंदिर में भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। इसे ध्यान में रखते हुए एसजेटीए ने श्रद्धालुओं को 'नवयौवन दर्शन' की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, पहांडी टिकट नहीं होंगे और श्रद्धालुओं को श्रीमंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य माधव पूजापंडा ने बताया कि इस साल पहंडी बिजे पर दर्शन नहीं होंगे। चूंकि 'नवयौवन दर्शन' और 'रथ यात्रा' ए क ही दिन पड़ रहे हैं, इसलिए किसी भी भक्त को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। भक्त जब 'पहंडी' में गर्भगृह से बाहर आएंगे, तो उन्हें सिंह द्वार पर देवताओं के दर्शन होंगे। यह भक्तों के लिए 'नवयौवन दर्शन' होगा।"