शहरी बाढ़ से निपटने और जल निकायों के सतत प्रबंधन में सुधार करने की एक सक्रिय पहल में आवास और शहरी विकास विभाग की प्रधान सचिव उषा पाढ़ी ने शनिवार को भुवनेश्वर में गंगुआनाला और दया पश्चिम नहर क्षेत्रों का सुबह-सुबह दौरा किया।
भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) और भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) के समन्वय में किए गए इस दौरे का उद्देश्य प्रमुख जल निकासी चैनलों और संबंधित जल निकायों की स्थिति का आकलन करना था, जो शहर के बाढ़ प्रबंधन बुनियादी ढांचे के लिए महत्वपूर्ण हैं।
पाढ़ी के साथ बीएमसी आयुक्त राजेश प्रभाकर पाटिल, बीडीए के उपाध्यक्ष डॉ. एन. थिरुमाला नायक, अतिरिक्त सचिव शत्रुघ्न कर सहित वरिष्ठ अधिकारी और बीएमसी व बीडीए दोनों के वरिष्ठ इंजीनियर तथा शहरी योजनाकार मौजूद थे।
क्षेत्र निरीक्षण के दौरान टीम ने गाद संचय, अतिक्रमण और संरचनात्मक अवरोधों जैसी मौजूदा चुनौतियों का मूल्यांकन किया। नहरों से गाद निकालने, सफाई करने और पानी के प्राकृतिक प्रवाह को बहाल करने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की गई। इन शहरी जलमार्गों की जल-वहन क्षमता और पारिस्थितिक मूल्य को बढ़ाने के लिए एकीकृत योजना की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर पाढ़ी ने एक समग्र दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया जो पारिस्थितिक बहाली और सामुदायिक भागीदारी के साथ इंजीनियरिंग हस्तक्षेप को जोड़ता है। उन्होंने संबंधित विभागों को एक समयबद्ध कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया, जो भुवनेश्वर के बाढ़-प्रतिरोधी और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ शहर बनने के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप हो।
यह दौरा सक्रिय शासन, सतत शहरी विकास और पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।