जिले के एसपी दीपक पाण्डेय को गृह मंत्रालय ने उनके बेहतर कार्य के लिए राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार के लिए नामित किया है। उन्हें यह पुरस्कार वर्ष 2022 में भाकपा माओवादियों से हुई मुठभेड़ के बाद मिली सफलता के लिए मिला है। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गढ़वा एसपी दीपक पांडेय को राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार के लिए नामित किया है। जब वे लोहरदगा में एसपी अभियान के तौर पर पदस्थापित थे तब 29 दिसंबर 2022 को उन्हें एक गुप्त सूचना मिली थी की भाकपा माओवादियों का एक दस्ता लोहरदगा जिले के बुगड़ू थाना क्षेत्र के कोरगो के जंगल में है। इसी सूचना के आधार पर एसपी अभियान के नेतृत्व में जिला पुलिस बल और सीआरपीफ के साथ भाकपा माओवादी के रविंद्र गांझु के दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी। इसके एक सब ज़ोनल कमाण्डार चंद्रभान पाहन की मुठभेड़ में मौत हुई थी। जबकि दूसरा सबजोनल कमांडर गोविन्द ब्रिजिया को पकड़ा गया था।
एसपी दीपक पांडेय ने अपने इस उपलब्धि पर कहा कि बिलकुल अच्छा लग रहा है। आज राष्ट्रपति पुरस्कार मिलना पुलिस के लिए बहुत बड़ी बात है। दो वर्ष पहले भाकपा माओवादी के साथ मुठभेड़ हुआ था। उसी समय मिली सफलता के बाद मुझे यह एवार्ड मिला है। उस मुठभेड़ के बाद भाकपा माओवादी वहां से समाप्त हो गया है। इस दौरान बड़ी मात्रा में हथियार एवं विस्फोटक भी बरामद किया गया था। गढ़वा एसपी दीपक पाण्डेय को यह एवार्ड दूसरी बार मिला है। जब वे गुमला में एसडीपीओ के पद पर पदस्थापित थे तब भी मुठभेड़ हुई थी और उसमें सफलता मिली थी।