राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गाली देने वाले कथित संत कालीचरण की जमानत अर्जी पर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। प्रारंभिक सुनवाई के दौरान उनके वकील ने कहा कि अभी आरोप तय नहीं हुआ है। फिर भी उन्हें जेल में रखा गया है। प्रकरण में राजद्रोह का केस भी गलत तरीके से दर्ज किया गया है। जस्टिस पीपी साहू ने इस मामले में राज्य शासन से जवाब तलब करते हुए केस डायरी प्रस्तुत करने को कहा है। रायपुर की अदालत ने कालीचरण को 25 जनवरी तक रायपुर जेल में रहने का आदेश दिया है। लोअर कोर्ट से जमानत नहीं मिलने पर उनके वकीलों ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। गुरुवार को उनकी याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान उनके वकील मेहल जेठानी ने कहा कि कालीचरण के खिलाफ गलत तरीके से केस दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ राजद्रोह की धाराएं भी बाद में लगाई गई है। राजद्रोह का केस दर्ज करने के लिए शासन से अनुमति लेना जरूरी है। या फिर सीधे तौर पर शासन FIR दर्ज करा सकती है। जस्टिस पीपी साहू की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही प्रकरण की केस डायरी प्रस्तुत करने को कहा है।
वकीलों ने कालीचरण को अब जेल में रखने के औचित्य पर भी सवाल उठाया है। उनका कहना है कालीचरण ने जो भी बोला है। उसका वीडियो वायरल है और गवाह या फिर सबूतों को प्रभावित करने का सवाल ही नहीं है। इस स्थिति में सिर्फ पुलिस के कहने पर उन्हें जेल में रखना अवैध है। जब तक उन पर राजद्रोह सिद्ध नहीं हो जाता। तब तक उन्हें जमानत दी जाए।