देश में सदियों साल से चलती आ रही वंशवाद की सियासत को मात देने के लिए चुनावी रणनीतिकार तथा जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर युवाओँ को राजनीति में जमबूत करने के लिए अपनी एक पाठशाला खोलेंगे। जहां वह पांच साल में एक हजार नेताओँ की ऐसी पीढ़ी तैयार करेंगे जो वंशवाद की राजनीति को करारा मात देंगे। वह युवाओं की ऐसा गुरूमंत्री देंगे जिससे वे मंच और सदन दोनों ही जगह जदयू और जनता का प्रतिनिधित्व करेंगे। सात सर्कुलर रोड में सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक प्रशांत किशोर युवाओं के साथ वन टू वन, सामूहिक बैठकों में युवाओं को सकारात्मक राजनीति के लिए प्रेरित कर रहे हैं। अपना एजेंडा शेयर कर रहे हैं। प्रशांत किशोर का कहना है कि युवाओं को किसी भी पार्टी में जगह तो मिल जाती है, लेकिन चुनावी राजनीति में जगह आसानी से नहीं मिलती। वे आश्वस्त कर रहे हैं कि जिनको पार्टी में ला रहे हैं उन युवाओं को चुनावी राजनीति में लाना प्रशांत किशोर की निजी जिम्मेदारी है।
खुद का अनुभव और उदाहरण देते हुए कहते हैं कि यदि वे 1000 युवाओं को निचले स्तर से सलाह देकर उनके साथ लगकर पांच साल में नेता बना देते हैं, तो यह बड़ी बात होगी। उनके पास आने वाले पांच-दस साल के नजरिये से राजनीति में कदम रखेंगे तो ऐसी कोई वजह नहीं है कि सियासी विरासत न होने पर भी सफल न हों। यह विरासत की सियासत का करारा जवाब होगा।