पश्चिम चंपारण में बिहार के सबसे लंबे पुल को लेकर केंद्र सरकार ने वित्तीय मंजूरी दे दी है। बेतिया से गोरखपुर को जोड़ने वाली 12 किलोमीटर से अधिक लंबे पुल के निर्माण में 1976.77 करोड़ की राशि खर्च होगी। सड़क सहित पुल की कुल लंबाई 29 किलोमीटर है। इसमें 15 छोटे-छोटे पुलों का भी निर्माण होगा।बिहार के गंडक नदी पर बनने वाले पुल से बिहार और यूपी के बीच दूरी और कम होगी और बिहार से उत्तर प्रदेश आना जाना आसान हो जाएगा। बिहार में बेतिया के मनुआपुल को यूपी के कुशीनगर में तिवारी पट्टी सेवराही को जोड़ेगा।इस पुल के बनने से बिहार और यूपी की दूरी 35 किलोमीटर कम हो जाएगी। इससे नेपाल भी आने जाना आसान होगा। इस परियोजना के लिए जो सबसे खास बात है की जमीन का अधिग्रहण का काम पहले ही पूरा हो चुका है और 4 साल में इसके निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।
बेतिया से गोरखपुर के बीच दो लाइन में पुल का निर्माण होगा और यह हैम मॉड्यूल में बनेगा। हाइब्रिड एन्युटी मोड में निर्माण होने से चयनित एजेंसी को पुल निर्माण की लागत राशि का 60 फ़ीसदी खर्च करना पड़ता है शेष 40 फीसदी राशि केंद्र सरकार देती है। निर्माण एजेंसी को 15 सालों तक रखरखाव भी करना होता है।
केंद्र सरकार से वित्तीय मंजूरी के बाद अब केंद्रीय कैबिनेट में इस पर मंजूरी ली जाएगी और उसके बाद फिर टेंडर निकाला जाएगा। बिहार और यूपी दोनों के लिए गंडक नदी पर बनने वाला यह पुल क्षेत्र में आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।