मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को मुख्यमंत्री शिकायत सुनवाई कार्यक्रम के 15वें सत्र की अध्यक्षता की, जहां उन्होंने भुवनेश्वर के यूनिट-2 स्थित शिकायत प्रकोष्ठ में केंदुझर जिले के नागरिकों की शिकायतें स्वयं सुनीं। इस दिनभर चलने वाले जनसंपर्क कार्यक्रम में आठ वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों ने भी भाग लिया, जिससे सरकार की सीधे नागरिकों तक पहुंच बढ़ाने की प्रतिबद्धता और मजबूत हुई।
आम नागरिकों को राज्य के शीर्ष नेतृत्व से सीधे बातचीत का अवसर देने के लिए तैयार किए गए इस मंच पर अब तक 12,950 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें से 12,371 शिकायतों का समाधान हो चुका है, जो लगभग 96 प्रतिशत समाधान दर है। शेष 579 मामलों पर कार्यवाही जारी है। अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री शिकायतों की गंभीरता और प्रकृति के अनुसार संबंधित विभागों को तत्काल निर्देश देते हैं, जिससे जनता का भरोसा काफी बढ़ा है।
कार्यक्रम के दौरान अपनी नियमित प्रथा के अनुसार, मुख्यमंत्री सबसे पहले बाहर जाकर सुबह से प्रतीक्षा कर रहे 34 दिव्यांग और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों से मिले। उन्होंने प्रत्येक से बातचीत की, उनके आवेदन लिए और अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। शिकायत प्रकोष्ठ के भीतर उन्होंने पूर्व पंजीकृत मामलों की सुनवाई की। इसी दौरान एक महिला केवल उनका धन्यवाद करने आई, क्योंकि उनके लम्बे समय से लंबित मामले का समाधान मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से हो गया था। कई परेशान नागरिकों को मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से आश्वासन और दिलासा भी दिया।
बाद में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री माझी ने दोहराया कि उनकी सरकार “जनता की सरकार” है, जो हर नागरिक को बुनियादी सेवाएं, अवसर और आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि राज्यभर के कलेक्टरों को स्थानीय स्तर पर नियमित शिकायत सुनवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अधिकतर मुद्दों का समाधान लोगों को भुवनेश्वर आए बिना ही हो जाए।
उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव तथा मंत्री सुरेश पुजारी, मुकेश महालिग, कृष्ण चंद्र महापात्र, विभूति भूषण जेना, प्रदीप बाल सामंत, गणेश राम सिंह खुन्टिया और गोकुलानंद मलिक इस सत्र में उपस्थित रहे। अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्यब्रत साहू, सुरेंद्र कुमार और देवरंजन कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सस्वत मिश्रा तथा विभिन्न विभागों के सचिव भी कार्यवाही में शामिल हुए।