पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप में मकर संक्रांति के मौके पर वार्षिक गंगासागर मेले में देश-विदेश के तीस लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया। पंचायत एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने बताया कि करीब 31 लाख लोगों ने सागर में स्नान किया है। यह संख्या बीते साल से अधिक है। इस साल मौसम बेहतर रहने के कारण अधिक तीर्थयात्री सागर आए हैं। दिन चढ़ने के साथ हम ज्यादा संख्या में लोगों के आने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमने राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। दूर से आए लोगों और बुजुर्गो के लिए अस्थायी आश्रय स्थल बनाए गए हैं। परिसर को साफ रखने के मद्देनजर हमने तीर्थयात्रियों के लिए 2000 के करीब स्टेशनरी शौचालय भी बनवाए हैं। दक्षिण 24 परगना जिले में कोलकाता से लगभग 150 किमी दूर यह द्वीप हिंदुओं द्वारा शुभ माना जाता है। वे साल के इस समय यहां इकट्ठा होते हैं, गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम पर पवित्र स्नान करते हैं और कपिल मुनि मंदिर में नारियल चढ़ाकर पूजा-अर्चना करते हैं। गंगासागर मेले को कुंभ के बाद श्रद्धालुओं का सबसे बड़ा समागम माना जाता है। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि साल के इस समय पवित्र जल में डुबकी लगाने से जीवनभर के पाप धुल जाते हैं। राज्य सरकार और भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) द्वारा इस क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बीस ड्रोन और 800 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जबकि आईसीजी ने समुद्र तट के किनारे होवरक्राफ्ट, हाई-स्पीड गश्ती जहाजों और इंटरसेप्टर नौकाओं को तैनात कर रखा है।