पंचायत चुनाव बिहार में है, लेकिन गांव में सरकार बनाने को लेकर झारखंड में भी चर्चा हो रही है। झारखंड में वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनावों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। दुमका में पंचायत चुनाव लड़ने वाले 300 प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित यानी डिबार कर दिया गया है। दरअसल, इलेक्शन के बाद इन प्रत्याशियों ने चुनावी खर्च का ब्योरा नहीं दिया था। पिछली बार पंचायत चुनाव जीतने वाले ऐसे 300 मुखिया और पंचायत प्रतिनिधि इस बार का पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। चुनावी खर्च का ब्योरा नहीं देने के कारण इन्हें अयोग्य करार दे दिया गया है। पिछले चुनाव में 206 पंचायत के लिए चुनाव हुआ था। इसमें 206 मुखिया, इतने ही पंचायत समिति सदस्य और 2518 वार्ड सदस्यों ने जीत हासिल की थी। जीतने के बाद बड़ी संख्या में मुखिया और पंचायत समिति सदस्य ने चुनावी खर्च का ब्यौरा जिला पंचायत राज्य पदाधिकारी के कार्यालय में जमा कर दिया था। वहीं वार्ड सदस्यों ने प्रखंड कार्यालय में जमा किया था। इनमें 300 मुखिया और पंचायत समिति सदस्य ऐसे थे, जिन्होंने ब्यौरा देने में रुचि नहीं दिखाई. ऐसे लोगों से ब्यौरा जमा करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त को नोटिस जारी कर 15 दिन का समय दिया था। तय समय के अंदर कुछ ने खर्च का ब्यौरा दिया, लेकिन 300 ने इसे अनदेखा कर दिया।
अब चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए इन सभी को पंचायत चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। दिसंबर या फिर जनवरी में पंचायत चुनाव होने की संभावना है। इसके लिए विभागीय स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।