सीट शेयरिंग के पेंच में टूट के कगार पर जेएमएम-कांग्रेसी की दोस्ती

  • Nov 06, 2019
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रांची,06 नवंबरः

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की दोस्ती टूट के कगार पर पहुंच गई है। सीट शेयरिंग में हो रही देरी को देखते हुए जेएमएम ने बुधवार को केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है, जिसमें जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन पार्टी नेताओं से रायशुमारी कर गठबंधन पर आखिरी फैसला लेंगे। इस बीच जेएमएम ने आखिरी कोशिश करते हुए कांग्रेस के सामने नया फार्मूला रखा है। इसके तहत जेएमएम- 44, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी)- सात, कांग्रेस और वामदलों को 30 सीटें देने का प्रस्ताव है। जेएमएम ने वामदलों को मनाने का जिम्मा कांग्रेस पर छोड़ दिया है। इस बीच उम्मीदवारों के चयन को लेकर बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होने वाली है। जानकारी के मुताबिक जेएमएम के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह, उमंग सिंघार, रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम के बीच बैठक हुई, लेकिन ये बेनतीजा खत्म हुई। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस राज्य में 28 से 30 सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर अड़ी हुई है। ऐसे में वामदलों के हिस्से कोई भी सीट मिलती नहीं दिख रही है। मासस ने दो और सीपीआई माले ने पांच सीटों की डिमांड रखी है। इस बीच महागठबंधन बनने में देरी को देखते हुए सीपीआई ने भी 16 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। मतलब झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) की तरह सीपीआई ने भी अलग रास्ता अपना लिया है। इधर, कांग्रेस के अड़ियल रवैये पर जेएमएम के नेता उसपर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं। जेएमएम की दलील है कि उसने लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस के नेतृत्व को स्वीकार किया था, तब यह सहमति बनी थी कि विधानसभा का चुनाव जेएमएम यानी हेमंत सोरेन के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। लेकिन अब कांग्रेस और दूसरे दल अपनी बात से पीछे हट रहे हैं। बता दें कि हेमंत के नेतृत्व के मुद्दे पर ही जेवीएम ने सबसे पहले महागठबंधन से अपना रास्ता अलग कर लिया था. जबकि लोकसभा चुनाव कांग्रेस, जेएमएम, जेवीएम और आरजेडी ने महागठबंधन बनाकर लड़ा था।

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