भुवनेश्वर पहली बार अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के कल्याण संबंधी समितियों के अध्यक्षों के एक राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा। लोकसभा सचिवालय द्वारा आयोजित यह दो दिवसीय सम्मेलन 29 अगस्त से शुरू होगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे, जिसका विषय "अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण, विकास और सशक्तिकरण पर संसदीय और विधायी समितियों की भूमिका" होगा। कार्यक्रम में एक स्मारक स्मारिका का विमोचन और एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी होगा।
1976 में अपनी स्थापना के बाद से यह छठा ऐसा सम्मेलन होगा, जिसके पिछले संस्करण 1976, 1979, 1983, 1987 और 2001 में नई दिल्ली में आयोजित किए जा चुके हैं। ये मंच ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए कल्याणकारी उपायों और संवैधानिक सुरक्षा उपायों पर संवाद के लिए एक मंच प्रदान करते रहे हैं।
उद्घाटन सत्र में ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव और धर्मेंद्र प्रधान, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण संबंधी संसदीय समिति के अध्यक्ष फग्गन सिंह कुलस्ते शामिल होंगे। ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी स्वागत भाषण देंगी।
संसद, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं की अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों के साथ-साथ ओडिशा के मंत्रियों और विधायकों सहित 120 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है।
सम्मेलन का समापन 30 अगस्त को ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति के समापन भाषण के साथ होगा।