इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री मुकेश महालिग ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों से पाइका विद्रोह को हटाया नहीं गया है।
उन्होंने एनसीईआरटी द्वारा जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति का हवाला देते हुए कहा कि यह विषय कक्षा-8 की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक के भाग-2 में शामिल किया जाएगा।
यह स्पष्टीकरण हाल ही में मीडिया में आई उन रिपोर्टों के जवाब में आया है जिनमें आरोप लगाया गया था कि नई प्रकाशित पाठ्यपुस्तक, "समाज की खोज: भारत और उससे आगे" से क्षेत्रीय प्रतिरोध आंदोलनों के संदर्भ हटा दिए गए हैं।
एनसीईआरटी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, वर्तमान पाठ्यपुस्तक केवल पहला खंड है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि दूसरा खंड विकास के अंतिम चरण में है और सितंबर-अक्टूबर 2025 में प्रकाशित होने की उम्मीद है। इस खंड में क्षेत्रीय प्रतिरोध आंदोलनों/सशस्त्र विद्रोहों जैसे ओडिशा का पाइका विद्रोह/खुर्दा विद्रोह, पंजाब में कूका आंदोलन/सिखों का विद्रोह आदि से संबंधित विषयों को शामिल किया जाएगा।
मंत्री महालिग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस स्पष्टीकरण को दोहराया, तथा आश्वस्त किया कि आगामी पाठ्यक्रम में पाइका विद्रोह के ऐतिहासिक महत्व को शामिल किया जाएगा।