पूर्वी भारत में न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति करते हुए यहां के चिकित्सा विज्ञान संस्थान और एसयूएम (सम) अस्पताल के डॉक्टरों ने कॉर्टिकल और सबकोर्टिकल ब्रेन मैपिंग तकनीकों का उपयोग कर सफलतापूर्वक पूर्वी भारत की पहली सर्जरी की है। इससे मस्तिष्क के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के पास स्थित जटिल ब्रेन ट्यूमर वाले रोगियों के लिए नई आशा जगी है।
आईएमएस और सम अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्रीकांत कुमार स्वाईं ने हाल ही में मस्तिष्क के वाणी और गति नियंत्रण क्षेत्रों के पास ट्यूमर से पीड़ित एक युवा वयस्क की सर्जरी की।
डॉ. स्वाईं ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रक्रिया के दौरान प्रमुख कार्यात्मक क्षेत्रों की सटीक पहचान और संरक्षण के लिए मैपिंग तकनीकों का उपयोग किया गया ताकि सुरक्षित और प्रभावी ट्यूमर निष्कासन सुनिश्चित हो सके।
डॉ. स्वाईं के नेतृत्व में एक बहु-विषयक टीम द्वारा इस जटिल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। टीम के अन्य सदस्यों में डॉ. श्रीमंत पटनायक, कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट और डॉ. देवी प्रसाद महापात्र, कंसल्टेंट, न्यूरो-एनेस्थीसिया शामिल थे, जिनकी भूमिका इंट्राऑपरेटिव न्यूरोलॉजिकल परीक्षण के दौरान महत्वपूर्ण रही।
प्रक्रिया के बारे में बताते हुए, डॉ. स्वाईं ने कहा कि कॉर्टिकल और सबकोर्टिकल ब्रेन मैपिंग हमें महत्वपूर्ण मस्तिष्क कार्यों की रक्षा करने के साथ ही वाक्पटु क्षेत्रों में स्थित उच्च जोखिम वाले ट्यूमर को हटाने में सक्षम बनाती है।
सर्जरी के दौरान प्रत्यक्ष मस्तिष्क उत्तेजना और उन्नत निगरानी का उपयोग कर टीम शरीर के अंगों और भाषा की गति के लिए जिम्मेदार मस्तिष्क के महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करने तथा उन्हें हटाने में सक्षम रही। रोगी की हालत में सुधार हो रहा था और सभी आवश्यक तंत्रिका संबंधी कार्य बरकरार थे।
सर्जरी के बाद, हिस्टोपैथोलोकल रिपोर्ट के अनुसार, रोगी वर्तमान में रेडियोथेरेपी से गुजर रहा था।
प्रख्यात न्यूरोसर्जन प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार महापात्र ने सफल सर्जरी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे ओडिशा के लिए गौरव का क्षण बताया।
कॉर्टिकल और सबकोर्टिकल ब्रेन मैपिंग एक अत्यंत उन्नत न्यूरोसर्जिकल तकनीक है और यहां इसका सफल कार्यान्वयन हमारे राज्य में न्यूरोसर्जिकल देखभाल की बढ़ती उत्कृष्टता को सिद्ध करता है। प्रो. (डॉ.) महापात्र, जो शिक्षा 'ओ' अनुसंधान (सोआ) के पूर्व कुलपति और वर्तमान में विश्वविद्यालय के प्रमुख सलाहकार (स्वास्थ्य विज्ञान) भी हैं। प्रो. (डॉ.) महापात्र को इसी वर्ष सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. (डॉ.) पुष्पराज सामंतसिंहार ने कहा कि यह सर्जरी पूर्वी भारत में कार्यात्मक न्यूरोसर्जरी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है, जिससे जटिल सर्जरी करना संभव हो गया है। इसके लिए पहले मरीजों को राज्य के बाहर के प्रमुख शहरों में रेफर किया जाता था।
उन्होंने कहा कि आईएमएस और सम अस्पताल आधुनिक ब्रेन मैपिंग तकनीकों से ब्रेन ट्यूमर, मिर्गी और मूवमेंट डिसऑर्डर के उपचार सहित उन्नत कार्यात्मक न्यूरोसर्जिकल देखभाल के लिए एक क्षेत्रीय केंद्र के रूप में उभरे हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर (डॉ.) सौभाग्य पाणिग्रही और न्यूरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्रीमंत पटनायक उपस्थित थे।