ओडिशा सरकार ने भुवनेश्वर, कटक, पुरी और पारादीप को समाहित करते हुए एक विशाल आर्थिक क्षेत्र विकसित करने की योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य पूरे कॉरिडोर को एकीकृत “ग्रोथ हब” (विकास केंद्रों) की श्रृंखला में बदलना है। इस संबंध में बुधवार को लोक सेवा भवन में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रस्तावित आर्थिक क्षेत्र के लिए एक विशेष, समयबद्ध कार्यक्रम तैयार करने का निर्देश दिया, जिसमें बुनियादी ढांचे के विस्तार, औद्योगिक विकास और पर्यटन को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने पूरे क्षेत्र में संतुलित और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए समन्वित योजना पर जोर दिया।
प्रस्ताव के तहत सरकार कुल 645 किलोमीटर लंबाई की तीन प्रमुख रिंग रोड बनाने की योजना बना रही है। इनमें 432 किलोमीटर लंबी कैपिटल रीजन रिंग रोड शामिल है, जो पारादीप, टांगी, सप्तसज्या, रामेश्वर और पुरी को जोड़ेगी। यह परियोजना केंद्र सरकार की प्रस्तावित 111 किलोमीटर लंबी कैपिटल रीजन रिंग रोड के साथ समन्वय में विकसित की जाएगी।
इसके अलावा, कटक जिले में जतामुंडी–त्रिशूलिया–उराली से होते हुए बालिपटना, पिपिली, जातनी और खुर्दा तक 148 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड का प्रस्ताव है। वहीं, 65 किलोमीटर लंबी इनर रिंग रोड खुर्दा जिले के तमांडो को चंडका, पहाला और धौली से जोड़ेगी।
क्षेत्रीय संपर्क को और मजबूत करने के लिए नई रेलवे अवसंरचना भी प्रस्तावित है। इसमें पुरी से कोणार्क तक 32 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन तथा कोणार्क से निमापड़ा होते हुए भुवनेश्वर तक 70 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि पारादीप बंदरगाह के साथ बेहतर संपर्क से क्षेत्र में औद्योगिक विस्तार को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। कृषि और मत्स्य पालन, विनिर्माण, लॉजिस्टिक्स और परिवहन, बंदरगाह आधारित उद्योग, रसायन, वस्त्र और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है। साथ ही, पुरी, कोणार्क और आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन क्षेत्र को भी बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने और इसे राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं के अनुरूप बनाने के लिए नीति आयोग के साथ नियमित समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने आर्थिक क्षेत्र योजना के सुचारु क्रियान्वयन के लिए आवश्यकतानुसार नई नीतियां बनाने और मौजूदा नीतियों में संशोधन करने को भी कहा। कॉरिडोर में पर्यटन अवसंरचना और सेवाओं को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया गया।
बैठक में आवास एवं शहरी विकास मंत्री कृष्ण चंद्र महापात्र, मुख्य सचिव मनोज आहूजा, विकास आयुक्त अनु गर्ग, आवास एवं शहरी विकास विभाग की प्रमुख सचिव उषा पाढ़ी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव शाश्वत मिश्रा, नगर प्रशासन निदेशक अरिंदम डाकुआ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।