छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बुधवार को वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने विभाग के कार्यों व राजस्व संग्रहण की जानकारी ली और कर संग्रहण बढ़ाने के उपायों पर काम करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य को जीएसटी एवं वैट से कुल 23,448 करोड़ रुपये का कर राजस्व प्राप्त हुआ, जो राज्य के कुल कर राजस्व का 38 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ ने 18 प्रतिशत की जीएसटी वृद्धि दर हासिल की है, जो देश में सर्वाधिक है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कर की राशि का उपयोग देश और प्रदेश के विकास कार्यों में होता है, इसलिए सभी को ईमानदारी पूर्वक कर अदा करना चाहिए. साय ने कहा कि जो लोग कर (जीएसटी) की चोरी करते हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए और उनसे कर की वसूली सुनिश्चित की जाए।
बैठक में वित्त एवं वाणिज्यिक कर (जीएसटी) मंत्री ओपी चौधरी ने विभागीय जानकारी साझा की। मुख्यमंत्री साय ने जीएसटी संग्रहण के लिए विभाग के प्रयासों की सराहना की और कहा कि आगे भी नियमों के अनुरूप संग्रहण बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ कर अपवंचन के मामलों और उनसे निपटने के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री साय ने फर्जी बिल, दोहरी बहीखाता प्रणाली और गलत टैक्स दरों का उपयोग कर अनुचित लाभ लेने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग की नवाचारी पहलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जीएसटी पंजीकरण की औसत समय सीमा को 13 दिन से घटाकर 2 दिन कर दिया गया है। बैठक में अधिकारियों ने जीएसटी विभाग द्वारा हाल ही में की गई बड़ी कार्रवाइयों और कर चोरी की राशि की वसूली की जानकारी दी।
बैठक में बताया गया कि विभाग द्वारा की गई कार्रवाइयों से शासन के कर राजस्व में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों में जीएसटी कार्यालय स्थापित किए गए हैं, जिससे कर संग्रहण और जीएसटी से जुड़ी सेवाओं का काम पारदर्शिता और समय पर हो रहा है।