प्रसिद्ध ओड़िया फिल्म निर्माता रवींद्र मोहन साहू का भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे।
निर्माता होने के साथ-साथ साहू एक प्रतिभाशाली अभिनेता, कहानीकार और गीतकार भी थे। ओड़िया सिनेमा में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। रवींद्र मोहन साहू अपने पीछे पत्नी, पांच बेटे और एक बेटी छोड़ गए हैं।
ओड़िया फिल्म उद्योग की एक प्रमुख हस्ती रहे साहू ने कई यादगार फिल्मों का निर्माण किया। उन्होंने 1987 में बनी पहली ओड़िया फिल्म ‘एइए त टी दुनिया’ का निर्माण किया था। उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में ‘बस्त्र हरण’, ‘बहू हेबो एमिती’, ‘पछेरी उठिला माझी दुआरु’, ‘नाग पंचमी’, ‘मणि नागेश्वरी’, ‘सासु हाता करी भाउजा बेदी’, ‘कुलनंदन’, ‘रसिक नागरा’ और ‘आलो मोरा कांधई’ शामिल हैं।
फिल्म जगत में योगदान के अलावा, साहू का राजनीति में भी संक्षिप्त कार्यकाल रहा। 1980 के दशक में वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए और केंद्रापड़ा नगर पालिका के पार्षद चुने गए।
उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के रूप में केंद्रापड़ा विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा, हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिल सकी।